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सरपंच के भाई समेत गांव में 9 लोगों की मौत, 30 बीमार, वजह जहरीली शराब या फुड प्वाइजनिंग?, कांग्रेस ने बनाई समिति, प्रशासन पर लगा गंभीर आरोप

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बिलासपुर : बिलासपुर शहर से लगे लोफंदी गांव में एक के बाद एक 9 लोगों की मौत ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया है. ग्रामीण मौत की वजह जहरीली शराब को बता रहे है. लेकिन प्रशासन फूड प्वाइजनिंग बताने पर तुली हुई है. इधर पूरा गांव पुलिस की छावनी में बदल गया है. और घर घर जाकर स्वास्थ विभाग की टीम सर्वे कर रही है. फिलहाल प्रशासन बिसरा जांच की रिपोर्ट आए बिना कुछ भी कहने से बच रही है.. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि फूड प्वाइजनिंग का मामला रहता तो मरने वालों की तादाद और ज्यादा होती. क्योंकि विवाह समारोह में बच्चों के अलावा महिलाएं भी शामिल थी.

लोफंदी गांव में पिछले तीन दिन से मातम छाया हुआ है. क्योंकि एक के बाद वहां लोगों की मौत हो रही है. मौत की वजह जहरीली शराब को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि गांव में तीन से चार लोग अवैध तरीके से कच्ची शराब बेचते है. उनमें एक लहरे परिवार भी शामिल है. मंगलवार को जिसने भी लहरे परिवार से शराब खरीदकर पीया उनकी तबियत खराब होती गई. उन्हें पेट दर्द, उल्टी, चक्कर आना और सुस्ती आने जैसी परेशानी शुरु हो गई.

इसके बाद गांव में मौत का सिलसिला शुरु हो गया. सबसे पहले 5 फरवरी को देवप्रसाद पटेल और शत्रुहन देवांगन की मौत हुई. इसके बाद 7 और 8 फरवरी को 5 लोगों की मौत हो गई. जिनमें नाम रामूराम सुनहले, कोमल लहरे, कन्हैया पटेल, बलदेव पटेल एवं कुन्नू देवांगन शामिल है.

इसके बाद तो गांव में कोहराम मच गया. गांव लगातार मौत होने की जानकारी जिला प्रशासन को शुक्रवार को ही खबर लग गई थी. फिर 8 फरवरी को मौके पर जिला प्रशासन की टीम पहुंची और मृतक रामूराम सुनहले पिता बबईराम का शव बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए सिम्स भेज दिया.

डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया है. लेकिन अभी रिपोर्ट आना बाकी है. इधर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. टीम में पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम आयुक्त, एसडीएम और स्वास्थ विभाग की टीम शामिल थी.

प्रशासन का कहना है कि मौके पर मौजूद ग्रामीणों से शुरुआती पूछताछ और जांच-पड़ताल के आधार पर यह बात सामने आई कि ग्राम लोफंदी निवासी श्रवण देवांगन के घर पर हुए वैवाहिक कार्यक्रम 3 फरवरी से 6 फरवरी के बीच शामिल हुए थे और सामूहिक भोज किया था.

प्रशासन का यह भी कहना है कि ग्रामीणों से विस्तार से पूछे जाने पर उनके द्वारा यह बताया गया कि कुछ ग्रामीणों 6 फरवरी को नदी से मछली पकड़कर नदी के किनारे पकाकर सेवन किया था. कुल मिलकर अधिकारी फूड प्वाइजनिंग की तरफ इशारा कर रहे है. लेकिन अधिकृत रूप से कोई बयान जारी नहीं कर रहे हैं. फिलहाल गांव में अभी स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग, मितानिनों और नगर निगम की एमएमयू यूनिट विशेष स्वास्थ्य कैम्प लगाया है. जिसमें उनके द्वारा डोर टू डोर सघन अभियान चलाकर जांच की जा रही है.

जिला पंचायत सी ई ओ संदीप अग्रवाल ने घटना के बारे में कहा कि मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पीएम रिपोर्ट आने के पहले मौतों के बारे में और मौत की वजह पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. ग्रामीणों की मौत एक ही दिन में नहीं हुई है. यह घटना क्रम 4 दिनों का है. हमने तो एक ग्रामीण के शव को अंतिम संस्कार करने से रोककर पोस्ट मार्टम के लिए भिजवाया है. तीन दिन में सात लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि दो लोगों की मौत तो हार्ट अटैक और सर्प दंश से हुई है. ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि ये मौतें शराब के सेवन से ही हुई है. उन्होंने ग्रामीणों द्वारा मृतकों के परिजनों को मुआवजा और आर्थिक सहायता की मांग पर कहा कि पहले यह तो साफ़ हो जाए कि किन कारणों से ग्रामीणों की मौत हुई है. प्रशासन इसकी जांच कर रहा है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख दीपक बैज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए छह सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. कमेटी का प्रमुख मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया को बनाया गया है. पीएससी ने आदेश दिया है कि क्षेत्र का दौरा कर छानबीन के बाद रिपोर्ट पेश करें. प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने पार्टी के 6 वरिष्ठ सदस्यों की टीम बनाकर जांच का आदेश दिया है. कमेटी का प्रमुख मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया को बनाया है.

आदेश में कहा गया है कि मरने वालों ने शराब का सेवन किया था. मौके पर पहुंच स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद रिपोर्ट तैयार कर तत्काल भेजें. पीसीसी प्रमुख दीपक बैज ने टीम में मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केसरवानी और बिल्हा पूर्व विधायक सियाराम कौशिक पूर्व संसदीय सचिव रश्मि सिंह और राजेंद्र साहू को टीम में शामिल किया है.

ग्रामीणों का आरोप है की कोनी पुलिस ही पैसे लेकर इलाके मे अवैध और जहरीली शराब् बिकावती है. कई बार शिकायत के बाद पुलिस शराब बेचने वालों को पकड़ कर कुछ पैसा लेकर छोड़ देती है. ऐसा पहला मामला नहीं है. पहले भी सामने वीडियो में साफ हो चुका है कि कोनी थाने के आसपास लगभग सभी ढाबों में खुलेआम शराब थाने के संरक्षण में पिलवाई जाती है और खुलासे के बाद खानापूर्ति की कार्रवाई कर ली जाती है. मीडिया द्वारा मौके पर मौजूद थाना प्रभारी नवीन देवांगन से कोनी पुलिस पर लगे गभीर आरोपो के बारे मे जानने की कोशिस की गई तो कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया. जबकि ग्रामीण का आरोप है की गांव मे शराब् पुलिस के संरक्षण मे बिकती है. सवाल उठना लाजमी है की पुलिस को इस मामले की जानकारी लगने मे तीन दिन लग गए. कोनी थाना क्षेत्र मे तकरीबन हर ढाबा होटलो में खुलेआम देर रात तक शराब पिलाई जा रही है. जिसके कई वीडियो मीडिया मे सामने आ चुके हैं.

 

मृतकों की लिस्ट

1. देव कुमार उर्फ दल्लू पटेल (40 साल)

2. कन्हैया पटेल (60 साल)

3. बलदेव पटेल (58 साल)

4. शत्रुघ्न देवांगन (45 साल)

5. कोमल देवांगन (40 साल)

6. कोमल लहरे (58 साल)

7. रामु सुनहरे (39 साल)

 

वही इस मामले मे कांग्रेसी नेता विजय केसरवानी तुरंत गांव पहुंचे. और मृतकों के परिजनों के साथ मुलाकात की. इस मौके पर विजय केसरवानी ने प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. और इस मामले को दबाने के आरोप भी लगाए हैं. विजय केसरवानी ने मृतक की बेटी को जीवन भर पढ़ाई करवाने का संकल्प लिया है. और अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक रुप से भी पीड़ित परिवार का सहयोग किया.

इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है, और ग्रामीणों ने प्रशासन से जवाबदेही मांगी है। प्रशासन को इस घटना की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है. और ग्रामीणों ने प्रशासन से जवाबदेही मांगी ह. प्रशासन को इस घटना की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

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