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कोरबा- महीनो से बिजली खंभा दो हिस्सों में फिर भी चालू है करंट! बड़ी दुर्घटना की आशंका

बरपाली फीडर अंतर्गत उमरेली व अमलडीहा गांव की स्थिति

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सुखनंदन कश्यप voice36.com

 

कोरबा/करतला। छत्तीसगढ़ के कोरबा और जांजगीर-चांपा जिलों के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित करतला विकासखंड व बरपाली फीडर अंतर्गत आने वाले ग्राम अमलडीहा में बीते दिन आई तेज़ आंधी-तूफान के कारण गुड़ी चौक में लगा एक बिजली का खंभा दो हिस्सों में टूट गया।


अमलडीहा गांव की क्षतिग्रस्त बिजली खंभा

स्थानीय लोगों के अनुसार, आंधी के दौरान खंभा तेज हवा के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन इसके बावजूद विभाग की ओर से कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई।इस खंभे में अब भी करंट प्रवाहित हो रहा है। यदि समय रहते इसे नहीं बदला गया, तो कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।

 

वही उसी के बगल गांव उमरेली के अमरनाथ चौक ब्राह्मण मोहल्ला में महीनों से बिजली खंभा दो हिस्सों में टूटा हुआ है जो एक पोल के सहारे टिका हुआ है, कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि जो स्थल है और बीच बस्ती में है। बगल में एक और खंभा लगा दिया गया है लेकिन विद्युत वायर का स्थानांतरण नहीं किया गया है

उमरेली की क्षतिग्रस्त खंभा

लेकिन हैरानी की बात यह है कि खंभा अभी भी टिका हुआ है और उसमें विद्युत प्रवाह लगातार बना हुआ है।

 

स्थानीय लोगों के अनुसार, क्षेत्र के ठेकेदार व विभाग को कई बार सूचना दिया जा चुका है इसके बावजूद विभाग की ओर से कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई। जिससे वहां से गुजरने वाले राहगीरों और आसपास रहने वाले लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।

 

इस जानकारी के अनुसार, क्षेत्रीय ठेकेदार अंतराम यादव ने बताया है कि उन्होंने एस्टीमेट (अनुमान) पहले ही विभाग को सौंप दिया है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई आदेश (आर्डर) नहीं मिला है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ठेकेदार ने अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन विभाग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया या कार्यवाही नहीं हुई है।

जनपद सदस्य नर्मदा देवांगन

यह समस्या स्पष्ट रूप से एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। क्षेत्रीय जनपद सदस्य नर्मदा देवांगन द्वारा बताया गया कि खंभा 4 महीने पूर्व लगा दिया गया है। बावजूद विद्युत वायर का स्थानांतरण नहीं किया गया है, जिससे संभावित दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। जे ई राठौर की निरंतरता में समस्या यह है कि वे फोन नहीं उठाते। और जब ई ई से बात होती है, तो वे ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराते हैं। ठेकेदार का कहना है कि उन्हें एस्टीमेट नहीं दिया गया है।

 

ग्रामवासियों का कहना है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत टीम भेजकर टूटे हुए खंभे को बदला जाए और विद्युत आपूर्ति को सुरक्षित ढंग से संचालित किया जाए। लोगों का कहना है कि जब तक विभाग कार्रवाई नहीं करता, तब तक वहां चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।

उम्मीद की जानी चाहिए कि संबंधित विभाग जल्द से जल्द इस मुद्दे पर संज्ञान लेकर उचित कदम उठाएगा।

 

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