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कोरबा: टीचर बहू के खिलाफ महिला आयोग पहुंची सास, अफेयर का खुला राज, नौकरी से बर्खास्त

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कोरबा। राज्य महिला आयोग की जनसुनवाई में एक शिक्षिका की सेवा से बर्खास्तगी को लेकर निर्णय लिया गया। महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि शादीशुदा शिक्षिका का एक अन्य शख्स से प्रेम संबंध था। जिसके कारण उसने अपने पति और ससुराल पक्ष के लोगों को प्रताड़ित कर रखा था। शिक्षिका की सास ने आयोग में न्याय के लिए शिकायत की थी जिस पर कल फैसला सुनाते हुए शिक्षिका को शासकीय सेवा से बर्खास्त कराने के निर्णय ससुराल पक्ष में दिया गया। उक्त प्रकरण की जांच में पाया गया कि शादीशुदा महिला शिक्षिका द्वारा एक अन्य शख्स के साथ प्रेम संबंध में है। प्रेमी से उसे तीसरा बच्चा भी हुआ। आयोग में ससुराल पक्ष की शिकायत के बाद तीसरे बच्चे के डीएनए जांच का निर्देश दिया गया था। जिसमें पहले तो शिक्षिका ने जांच कराने पर अपनी सहमति दी थी लेकिन बाद में उसने जांच कराने से इंकार कर दिया। सुनवाई में शिक्षिका ने माना कि जिस शख्स के खिलाफ उसने पहले रेप का आरोप लगाकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी थी और उसे दोबारा दोषमुक्त कराया गया। जिससे उसे तीसरी संतान हुई। इस बात के स्वीकार करने के बाद राज्य महिला आयोग ने शिक्षिका के खिलाफ फैसला दिया गया। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि शासकीय नौकरी में रहते हुए कोई भी महिला या पुरूष शादीशुदा जिंदगी में तलाक लिये बगैर दूसरे अवैध रिश्ते में रहता है तो उसके उपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। अध्यक्ष कीरणमयी नायक ने बताया कि इस प्रकरण में आयोग ने सुनवाई करते हुए महिला शिक्षका को ससुराल पक्ष के साथ सुलह करने का मौका दिया है। इसके साथ ही आयोग ने ससुराल पक्ष को इस केस के फैसले के प्रमाणित काॅपी देकर सुलह नही होने पर शिक्षिका के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए आगे बढ़ सकते है। इस पूरे केस की सुनवाई के दौरान शिक्षिका के साथ पति ने रहने से इंकार करते हुए अपनी दोनों बेटियों को अपने साथ रखने की मांग की है। फिलहाल इस पूरे मामले में महिला आयोग के फैसले के बाद शादीशुदा होने के बाद भी अवैध रिश्ता रखने वाली शिक्षिका को बड़ा झटका लगा है।

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