तालाब खुदाई में भ्रष्टाचार का आरोप, ग्रामीणों ने चंदा कर खुदाई करवाई — तिलकेजा पंचायत में मनरेगा योजना सवालों के घेरे में


कोरबा। कोरबा जिले के विकासखंड कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत तिलकेजा में मनरेगा योजना के तहत तालाब गहरीकरण कार्य में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ग्राम आमापाली के ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों और रोजगार सहायक ने सरकारी धन का गबन किया, जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा कर जेसीबी मशीन से तालाब की खुदाई करवाई।
ग्रामीणों के अनुसार, मनरेगा योजना के तहत तालाब गहरीकरण कार्य के लिए ₹5.64 लाख की स्वीकृति मिली थी। लेकिन जमीनी स्तर पर केवल औपचारिकता निभाई गई, और कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। जब गांव में जल संकट उत्पन्न हुआ, तब ग्रामीणों ने खुद आगे आकर चंदा इकट्ठा किया और जेसीबी लगवाकर खुदाई करवाई।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सीसी (केंद्रीय निरीक्षण) हेतु 33% कार्य दिखाकर ₹2.04 लाख का भुगतान कर दिया गया, जबकि वास्तविकता में इतने मूल्य का कार्य नहीं किया गया था।
इस पर जब रोजगार सहायक ज्योति जयसवाल से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने स्वयं जेसीबी से खुदाई की मांग की थी और मिट्टी रेलवे लाइन निर्माण में देने की बात कही थी। उनके अनुसार, 2021 में स्वीकृति मिली थी।
वर्ष 2024 में जून माह में ₹79,000 की लागत से कार्य किया गया था और बाद में ₹2.04 लाख तक का कार्य और किया गया।
लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग कर योजना को कागजों में पूर्ण दिखा दिया गया।
अब उठ रहे हैं जांच की मांग
ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते पानी की व्यवस्था नहीं की जाती, तो गांव में गंभीर जल संकट पैदा हो सकता है। वहीं पंचायत स्तर पर जवाबदेही तय करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता और निगरानी की गंभीर कमी है। यदि समय रहते इन मामलों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसी योजनाओं से जनता का विश्वास उठता जाएगा।