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अब कोरबा का कोई भी स्कूल नहीं रहेगा शिक्षकविहीन

दूरस्थ अंचलों में शिक्षा की रोशनी, हर मिडिल स्कूल में तीन शिक्षक अनिवार्य

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सुखनंदन कश्यप voice36.com

कोरबा, 4 जून 2025।

कोरबा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन ने अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली है। इसके परिणामस्वरूप अब जिले का कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगा। विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की तस्वीर अब बदलेगी।

 

दूरस्थ गाँवों को मिलेगा शिक्षा का स्थायी आधार

पाली, पोड़ी उपरोड़ा और कोरबा जैसे ब्लॉकों के दूरस्थ ग्रामों — जैसे पिपरिया, लमना, मोरगा, दुल्लापुर, चोटिया, पसान, अरसिया, पोड़ी, पाली, सिरमिना, सपलवा, उड़ान, रतखंडी, परसदा, बारी उमराव, पहाडग़ांव, बाईसेमर, नकिया, श्यांग,लेमरू, खमहून, सिमकेन्दा, लामपहाड़, बिंझकोट में अब शिक्षकों की स्थायी तैनाती की गई है। ऐसे अनेक विद्यालय जो अब तक एक शिक्षक पर निर्भर थे, उन्हें अब दो या तीन शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं।

 

तीन दिन में पूरी हुई काउंसलिंग, हुआ निष्पक्ष समायोजन

शिक्षा विभाग द्वारा 31 मई से 3 जून तक आयोजित काउंसलिंग प्रक्रिया में प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्तर तक के 509 शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया।

 

287 सहायक शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों में

 

147 शिक्षकों को मिडिल स्कूलों में

 

75 व्याख्याताओं को हाई/हायर सेकंडरी विद्यालयों में पुनर्नियुक्त किया गया।

 

अब मिडिल स्कूलों में तीन शिक्षक अनिवार्य

इस प्रक्रिया के बाद जिले के 20 एकलशिक्षकीय, 4 शिक्षकविहीन और 62 द्विशिक्षकीय मिडिल स्कूलों में अब कम से कम तीन शिक्षक पदस्थ हैं। यह बदलाव शिक्षण गुणवत्ता में बड़ी छलांग माने जा रही है।

 

गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी जैसे विषयों में नहीं रहेगी कमी

हायर सेकंडरी स्तर पर गणित, रसायन, भौतिकी, जीवविज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे कठिन विषयों में शिक्षकों की भारी कमी थी। अब इन विषयों के लिए व्याख्याताओं की नियुक्ति से विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की ओर बढ़ने में सहूलियत मिलेगी। साथ ही इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयारी अब आसान होगी।

 

शिक्षक और पालक दोनों को राहत

इस नई व्यवस्था से केवल विद्यार्थियों को ही नहीं, बल्कि शिक्षकों और पालकों को भी बड़ी राहत मिली है। अब शिक्षकों को एक से अधिक स्कूलों में पढ़ाने की अनावश्यक भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी। पालकों में भी संतोष है कि बच्चों की शिक्षा अब व्यवस्थित तरीके से हो सकेगी।

 

कलेक्टर अजीत वसंत का वक्तव्य

कोरबा कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि यह पहल जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगी। “शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, विषय आधारित पढ़ाई और बच्चों की नींव को मजबूत करने के लिए यह समायोजन बेहद जरूरी था। अब जिले का शैक्ष

णिक माहौल और बेहतर होगा।”

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