

सुखनंदन कश्यप Voice 36
बांकीमोंगरा, कोरबा: नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा क्षेत्र में इन दिनों विकास कार्यों की गति तेज़ है। शहर के विभिन्न वार्डों में निर्माण, मरम्मत और सफाई जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। लेकिन इस बीच एक गंभीर सवाल खड़ा हो गया है । आखिर पालिका क्षेत्र के निरीक्षण कार्य में एसईसीएल (SECL) का कर्मचारी कैसे शामिल हो सकता है , ना तो वे जनप्रतिनिधि है ना पालिका में उनका दायित्व ।
जानकारी के अनुसार, कुसमुंडा परियोजना अंतर्गत वर्कशॉप नंबर 3 में पदस्थ डंफर ऑपरेटर गोवर्धन कंवर जो वर्तमान में डीजल सेक्शन में कार्यरत हैं, इन दिनों बांकीमोंगरा पालिका क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के निरीक्षण में दिखाई दे रहे हैं । स्थानीय लोगों का कहना है कि वे सिर्फ निरीक्षण ही नहीं कर रहे, बल्कि निर्णयात्मक गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं ।
पत्नी हैं उपाध्यक्ष, पर क्या यह पर्याप्त कारण है?
सूत्रों के अनुसार, गोवर्धन कंवर की पत्नी नगर पालिका में उपाध्यक्ष के पद पर आसीन हैं । ऐसे में यह तर्क दिया जा रहा है कि वे उनकी ओर से क्षेत्रीय निरीक्षण कर रहे हैं , परंतु यह स्थिति कई प्रश्न खड़े करती है । क्या किसी कर्मचारी को जनप्रतिनिधि के अधिकार मिल सकते हैं । क्या वह आधिकारिक रूप से निरीक्षण का हिस्सा बन सकता है ।
पहले भी रहा है विवादित रुख
गोवर्धन कंवर पूर्व में भी पीआईसी मेंबर बैठक में दिखाई दिए हैं, जिन पर सवाल उठ चुके हैं । उनके बैठक में शामिल होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं और पहले भी यह विषय मीडिया में विवाद का कारण बन चुका है ।
पालिका प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस पूरे मामले पर अभी तक पालिका प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। यदि कोई एसईसीएल कर्मचारी नियमित रूप से पालिका कार्यों में हस्तक्षेप कर रहा है, तो क्या यह नियमों का उल्लंघन नहीं है ।
अब देखने वाली बात होगी कि नगर पालिका परिषद इस विषय पर क्या रुख अपनाती है और क्या ऐसे मामलों में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं या नहीं।