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देवलापाठ-फरसवानी में अवैध शराब का कारोबार जोरों पर, प्रशासन मौन

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सुखनंदन कश्यप, voice36.com

कोरबा/करतला/बरपाली। जिले के ग्रामीण अंचलों में अवैध शराब बिक्री ने विकराल रूप ले लिया है। ग्राम पंचायत देवलापाठ और फरसवानी (संजयनगर) क्षेत्र में देशी, विदेशी और महुआ शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। यह सब जिला प्रशासन और आबकारी विभाग की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।

ग्राम देवलापाठ में गली-गली शराब बिक रही है। बस्ती की कई दुकानों में दिनदहाड़े देशी और विदेशी शराब बेची जा रही है, जिससे गांव का माहौल बिगड़ता जा रहा है। महिलाओं में खासा रोष है, जो इस बढ़ती लत और सार्वजनिक जगहों पर शराब सेवन से परेशान हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि आबकारी विभाग चुनिंदा लोगों को पकड़ता है और फिर कथित लेन-देन कर मौके पर ही छोड़ देता है। इससे शराब कारोबारियों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं।

सुबह से शाम तक शराब की बिक्री जारी

ग्रामीणों का कहना है कि सुबह से लेकर देर शाम तक अवैध शराब की बिक्री बेरोकटोक चलती है। मोबाइल दुकानों, निजी ठिकानों और यहां तक कि राशन दुकानों से भी शराब बेची जा रही है। देवलापाठ और आसपास के क्षेत्रों में दर्जनों लोग इस कारोबार में लिप्त हैं।

सिवनी और सिरकीडीह से लाई जा रही शराब

ग्राम सिरकीडीह से अवैध महुआ शराब लाकर देवलापाठ में बेची जा रही है, जबकि सिवनी और चांपा के लाइसेंसी शराब दुकानों से अंग्रेजी शराब खरीदकर उसे 50 से 70 रुपए अधिक दाम पर गांव में बेचा जा रहा है। इस कार्य में कथित तौर पर झोलाछाप डॉक्टर भी शामिल है, जो फरसवानी के संजयनगर में अपनी राशन दुकान से शराब बेच रहा है।

प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल

स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन और आबकारी विभाग की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मांग की है कि इन गांवों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर अवैध शराब विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो गांवों में सामाजिक ताना-बाना पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो जाएगा।

 

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