
तिलकेजा। छत्तीसगढ़ में गौरा गौरी उत्सव का एक अलग महत्व है। प्रत्येक वर्ष दीपावली और लक्ष्मी पूजा के कुछ दिन बाद मनाया गया । विशेष तौर पर भगवान शिव पार्वती की पूजा-अर्चना और उनके विवाह की रस्म निभाई जाती है। भक्त बड़ी संख्या में धूमधाम से खुद बाराती बनकर माता पार्वती और शिव जी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं
कोरबा जिले के तिलकेजा के जाला मोहल्ला में गौरा-गौरी का पर्व धूमधाम से मनाया जा गया। तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व के बाद रविवार को गौरा-गौरी की विसर्जन यात्रा निकाली गई। इस दौरान महिलाएं, बच्चे सब उनकी धुन और मगन में झूमते हुए निकले। तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत शुक्रवार के दिन हुई थी। इस दौरान शिव-पार्वती के विवाह की रस्म निभाई गई और श्रद्धा पूर्वक पूजन किया गया