

सुखनंदन कश्यप voice36News
(छत्तीसगढ़)कोरबा/करतला। कोरबा जिले के करतला विकासखंड के ग्राम जामपानी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में शाला प्रवेश उत्सव के पहले दिन कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूल में बच्चों से झाड़ू-पोंछा और सफाई का काम करवाया गया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
बच्चों से कराया गया श्रम, ग्रामीण ने बनाया वीडियो
जानकारी के अनुसार, शाला प्रवेश उत्सव के आयोजन से पहले स्कूल की सफाई के लिए बच्चों को झाड़ू पकड़ाया गया। यह सब शिक्षकों की मौजूदगी और निगरानी में हुआ। स्थानीय ग्रामीण द्वारा इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया गया, जो अब सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बच्चे काम को बताते हैं ‘खुशियों का मौका’
स्कूल के कुछ शिक्षकों का कहना है कि बच्चे इस तरह के काम खुशी-खुशी करते हैं क्योंकि इससे वे पढ़ाई से कुछ समय के लिए बच जाते हैं। हालांकि, यह बयान अब विवाद का कारण बन गया है, क्योंकि यह बाल अधिकारों और शिक्षा के माहौल पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
मजदूर की जगह बच्चों से सफाई
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब स्कूल में बच्चों से इस तरह के कार्य करवाए गए हों। अक्सर साफ-सफाई के लिए मजदूरों की जगह बच्चों को ही लगाया जाता है, जिससे श्रमशक्ति की बचत की जा सके।
प्रशासन मौन, जवाब से बचते नजर आए अधिकारी
इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी टी.पी. उपाध्याय से संपर्क किया गया तो उन्होंने वीडियो देखने के बावजूद कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने केवल यह कहा कि वे स्कूल कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।
बाल अधिकारों का उल्लंघन?
विशेषज्ञों की माने तो सरकारी स्कूलों में बच्चों से जबरन या निर्देशित रूप से सफाई जैसे कार्य कराना बाल श्रम निषेध कानून और शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम का सीधा उल्लंघन है। बच्चों का स्कूल केवल अध्ययन, खेल और समग्र विकास का केंद्र होना चाहिए, न
कि श्रम का स्थल।