

सुखनंदन कश्यप, voice36.com
कोरबा, छत्तीसगढ़ | थाना करतला क्षेत्र में खुलेआम बिना नंबर के ट्रैक्टरों से रेत का अवैध परिवहन जारी है, जिससे प्रशासनिक सख्ती पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कुछ समय पूर्व टास्क फोर्स का गठन किया गया था। प्रारंभिक कुछ दिनों तक इस टीम द्वारा कार्रवाई भी की गई और कुछ ट्रैक्टर व मिनी हाइवा जब्त किए गए। लेकिन अब वही ट्रैक्टर दोबारा सड़कों पर देखे जा रहे हैं — इस बार बिना नंबर प्लेट के।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र में पहले से ही रेत का भारी मात्रा में भंडारण कर लिया गया था, ताकि प्रशासनिक जांच की स्थिति में भी तस्करी बेरोकटोक जारी रह सके।
रेत परिवहन कर रहे एक ट्रैक्टर चालक राजेंद्र कुमार राठिया ने बताया कि वाहन अशोक सिंह नामक व्यक्ति का है, जो कोरबा में किसी स्कूल के प्रिंसिपल हैं। हालांकि, स्कूल का नाम स्पष्ट नहीं बताया गया। चालक ने यह भी स्वीकार किया कि आज दो ट्रिप रेत ले जाई जाएगी।
जब चालक से परमिशन के बारे में पूछा गया, तो कुछ देर बाद एक आदेश पत्र दिखाया गया जो कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, सेन्द्रीपाली के लेटरपैड पर जारी किया गया था। पत्र में दिव्या प्रताप सिंह के नाम लिखा गया है, जिसमें विद्यालय परिसर में छात्राओं के कपड़े सुखाने हेतु शेड निर्माण के लिए “दो-चार दिन बाद एक ट्रिप बालू देने का कृपा” करने का निवेदन किया गया है।
प्रमुख सवाल उठते हैं:
क्या किसी स्कूल के लेटरपैड पर लिखा गया निवेदन पत्र रेत परिवहन का वैध परमिशन माना जा सकता है?
जब पत्र में एक ट्रिप बालू का उल्लेख है, तो दो ट्रिप रेत क्यों ले जाई जाएगा कहा चालक ने
बिना नंबर वाले ट्रैक्टर प्रशासन की निगाह से कैसे बच रहे हैं?