

सुखनंदन कश्यप voice36.com
कोरबा-करतला। मनरेगा में जमकर घोटाला हो रहा है। एक ओर जहां विगत दिनों कटघोरा के प्रोग्राम ऑफिसर एम आर कर्मवीर के द्वारा पोड़ी उपरोड़ा जनपद में पदस्थापना के दौरान सीईओ का तबादला हो जाने के बाद भी उनके डिजिटल हस्ताक्षर का बेजा उपयोग कर करोड़ों की राशि आहरण का खेल खेला गया और वह सेवा से बर्खास्त कर दिए गए। उनकी तरह कई और कर्मवीर मनरेगा में वर्षों से जमे हुए हैं। कई रोजगार सहायक भी फर्जी काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
इसी कड़ी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें दूसरे ग्राम पंचायत में कराए गए निर्माण का जिओ टैगिंग करने के बाद इस निर्माण में दूसरे पंचायत का नाम और हितग्रागी का नाम लिखकर जिओ टैगिंग करते हुए मजदूरी का फर्जी भुगतान प्राप्त कर लिया गया है। जबकि दूसरे पंचायत में निर्माण कार्य करीब डेढ़ साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है।
यह मामला कोरबा जिले के करतला विकासखंड अंतर्गत सामने आया है। हमारे समाचार सहयोगी ने पुष्ट सूत्र के हवाले से बताया कि ग्राम पंचायत बेहरचुंवा निवासी देवनाथ पिता राम सिंह का पक्का फर्श कोटना निर्माण वर्ष 2023 में स्वीकृत हुआ है, जिसे रोजगार सहायक राजनंदनी महंत द्वारा बेहरचुंवा से लगभग आठ से दस किलोमीटर दूर दूसरे ग्राम पंचायत नवापारा में बने पक्का फर्श कोटना निर्माण का फर्जी जियो टैग करके 12376 रूपये का फर्जी मजदूरी भुगतान करा दिया गया है। नवापारा के निर्माण में बेहरचुवा लिखवाने और जियो टैग करने के बाद उसे पोतवा दिया गया लेकिन सफेदी सूखने के साथ नाम साफ नजर आ रहा है। यदि वास्तविक होता तो हितग्राही का नाम आदि साफ नजर आता, मिटाया नहीं जाता। दूसरी तरफ आज तक बेहरचुंवा ग्राम में हितग्राही देवनाथ पिता रामसिंह का पक्का फर्श कोटना निर्माण शुरू भी नहीं हुआ है। इस तरह से काम कराए बगैर ही फर्जी मजदूरी और कार्य होना दर्शाकर हजारों रुपए की चपत लगाई गई है। इस तरह से न जाने और भी कितने फर्जीवाड़ा किये जा रहे हैं