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प्रधानमंत्री आवास योजना में गुणवत्ता से समझौता: गरीबों के सपनों से खिलवाड़

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सुखनंदन कश्यप voice36.com

कोरबा/करतला। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का उद्देश्य जरूरतमंदों को सुरक्षित और टिकाऊ आवास उपलब्ध कराना है। अगर निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, जैसे कि छड़ और सीमेंट की पर्याप्त मात्रा का उपयोग न करना, तो यह न केवल योजना की गरिमा को ठेस पहुँचाता है बल्कि लाभार्थियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।

 

विकासखंड करतला अंतर्गत ग्राम पंचायत रींवापार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे आवास में गंभीर अनियमितताएँ सामने आ रही हैं। पंचायत सचिव द्वारा किसी ठेकेदार से टेंडर के माध्यम से कराए जा रहे निर्माण कार्य में छड़ और सीमेंट की पर्याप्त मात्रा का उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।

प्लिंथ बीम की गुणवत्ता तस्वीर में साफ तौर पर दिखाई दे रही है

लक्ष्मीनबाई महंत ने बताया कि वे स्वयं निर्माण कार्य कराने में असमर्थ थीं, इसलिए पंचायत सचिव देवेश राठौर द्वारा एक ठेकेदार को टेंडर के माध्यम से निर्माण कार्य सौंपा गया। परंतु निर्माण मानकों का पालन नहीं हो रहा है। और यह कार्य महज औपचारिकता बन कर रह गया है। मकानों की नींव (प्लिंथ बीम) में घटिया सामग्री इस्तेमाल हो रही है। बारिश के मौसम में यह निर्माण गिरने की स्थिति में आ सकता है, जिससे जान-माल को खतरा है। जो इस योजना के माध्यम से एक सुरक्षित छत की उम्मीद कर रहे थे।

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत पंचायत सचिवों को सीधे तौर पर टेंडर लेने या निर्माण कार्यों का ठेका देने का अधिकार नहीं है। यह योजना केंद्र और राज्य सरकार की साझा पहल है, जिसमें निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों या संबंधित विभागों की होती है।

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